भविष्य की योजना (बातचीत – भाग 3)

भविष्य की योजना (बातचीत – भाग 3)

जापान आकर काम करने के बारे में सोच रहे लोगों को जापान में रह रहे विदेशियों के अनुभव और विचार सुनने का मौका देने के लिए हमने एक सेमिनार का आयोजन किया था। इस सेमिनार के संचालक थे होक्कोइदो चिकित्सा विश्वविद्यालय अग्रणी शोध संवर्धन केन्द्र के यूको इतो और शिज़ुओका प्रिफ़ैक्चर विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर तोशिफ़ुमि सुज़ुकि। उन्होंने जापान में काम कर रहे विदेशियों से जापान के आकर्षणों, यहाँ आने वाली समस्याओं के समाधान और अन्य विषयों पर बात की, जिसे हमने विडियो में रिकॉर्ड किया है।

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विडियो के तीसरे और अन्तिम भाग में हम भाग 1 और 2 में शामिल जापान में रह रहे 11 विदेशियों से उनके भविष्य की योजना के बारे में बात करेंगे।

इतो – नमस्ते। “जापान में रह रहे विदेशियों के अनुभव और विचार – भाग 3” में आज हमारे साथ वे सब विदेशी हैं जिन्होंने भाग 1 और भाग 2 में हिस्सा लिया था। प्रोफ़ेसर सुज़ुकि के साथ मिलकर आज हम इन विदेशियों से भविष्य की योजनाओं के बारे में जानेंगे।

सबसे पहले हम जानना चाहते हैं कि जापान में रहते हुए आपको कौन सी बात अजीब लगी या क्या बदलाव देखना चाहेंगे?

टिफ़नी जी (फ़िलिपीन्स) – जापान में ओवरटाइम बहुत होता है और यहाँ मीटिंग बहुत करते हैं। मुझे लगता है कि काम करने के और भी असरदार या प्रोडक्टिव तरीके हो सकते हैं। कोविड खत्म होने के बाद भी जहाँ तक हो सके घर से काम करना या फ़्लेक्स टाइम लागू करना, काम और निजी जीवन का संतुलन बढ़ाने के लिए नियमों में थोड़ी ढील आनी चाहिए। महिलाओं या विकलांग लोगों के लिए काम के और अच्छे अवसर बन जाएँ तो जापानी कम्पनियाँ और अधिक लोगों के लिए आकर्षक हो जाएँगी।

लवली जी (फ़िलिपीन्स) – जापान में बहुत से लोग वर्कोहॉलिक बन चुके हैं। यह रुझान हर क्षेत्र में कार्यरत जापानियों में ही नहीं, यहाँ काम करने वाले विदेशियों में भी देख सकते हैं।

स्टेला जी (फ़िलिपीन्स) – मैं नागानो प्रिफ़ैक्चर में काम करती हूँ। वहाँ अगर रात को काम करते हुए देर हो जाए तो यातायात के सार्वजनिक साधन बन्द हो जाते हैं। जापान में नये-नये आये अधिकतर विदेशियों के पास अपनी कार नहीं है। ऐसे में उन्हें बहुत परेशानी होती है। मेरे देश फ़िलिपीन्स में जीपनी यानी साझा टैक्सियाँ सारे दिन चलती हैं इसलिए बहुत सुविधा है।

एन जी (वियतनाम) – मुझे “नोमिनिकेशन” अजीब लगता है। दफ़्तर के लोगों के साथ निजी बातें करने का रिवाज़ मुझे समझ नहीं आता। हम भी बड़े आयोजन या पार्टी में सबके साथ मौज-मस्ती करते हैं, लेकिन यह हर हफ़्ते होने लगे तो…

सुज़ुकि – जापान में अपने दिल की बात कहने के लिए “नोमिनिकेशन” के अवसर बनाए जाते हैं लेकिन काम के साथ-साथ निजी समय को भी महत्त्व देने वाले विदेशियों के लिए इसकी आदत डालना मुश्किल हो सकता है। अभी सोचूँ तो शायद मैं और इतो जी भी कुछ हद तक वर्कोहॉलिक हैं।

लिन जी (वियतनाम) – अजीब तो नहीं, पर नल का पानी पी सकते हैं यह जानकर मैं हैरान हुई थी। वियतनाम में तो पानी उबाल कर ही पीते हैं।

होआई जी (वियतनाम) – जापान में वेंडिंग मशीनें बहुत सारी हैं। मैं यह देखकर हैरान हूँ कि उनमें सिर्फ़ पीने की चीज़ें ही नहीं, तरह-तरह की चीज़ें मिलती हैं।

इतो – जन्म से ही जापान में रह रहे लोगों को यह बातें समझ नहीं आएँगी, लेकिन विदेशियों की नज़र से देखें तो जापान में अगल ही संस्कृति है। अब हम आपसे आपके भविष्य की योजना के बारे में जानना चाहेंगे। क्या आप इसी तरह जापान में रहकर काम करना चाहते हैं या जापान के अनुभव का इस्तेमाल करके अपने देश में काम करना चाहते हैं?

अगुन जी (इंडोनेशिया) – मुझे जापान बहुत पसन्द है लेकिन यहाँ सीखी बातें इंडोनेशिया ले जाकर अपनी कम्पनी खोलना मेरा सपना है। जापान में मैंने विदेशियों के टूर गाइड का काम किया है इसलिए अपने देश जाकर ट्रैवल कम्पनी खोलने का मन है। इसके अलावा, जापन में विदेश कुशल कामगारों को काम पर रखने की योजना है इसलिए जापान आने के लिए पढ़ाई कर रहे इंडोनेशियो के लोगों को यहाँ भेजने का काम भी अच्छा चल सकता है। कमाई भी अच्छी होगी!!

आयू जी (इंडोनेशिया) – मेरी भी आगे चलकर इंडोनेशिया लौट जाने की योजना है। या तो जापानी भाषा पढ़ाने का या फिर इंटरप्रेटर की भूमिका भी निभाने वाले टूर गाइड का काम करने का मन है।

तिली जी (श्रीलंका) – मैंने जापान में ही रहने का फ़ैसला किया है। इसका एक कारण यह है कि मैंने 4 महीने पहले अभी वाला काम शुरू किया था और यह मुझे बहुत दिलचस्प लग रहा है। इससे पहले करीब चार साल तक ट्रैवल कम्पनी में काम किया लेकिन कोविड की वजह से वहाँ छुट्टियाँ हो गईं और करियर ठप्प हो गया। ऐसे ज़िन्दगी नहीं चल पाएगी, यह सोच कर नयी नौकरी ढूँढने की कोशिश की, मगर ऐसी कोई नौकरी नहीं मिली जिसमें पिछला अनुभव काम आता। तब मैंने एकदम अलग क्षेत्र में काम करने की चुनौती ली और अब व्यापार क्षेत्र में हूँ। मुझे इस काम का बिलकुल अनुभव नहीं था, फिर भी जापानी लोगों ने मेरी बहुत मदद की इसलिए जब तक हो सके यहीं काम करने की इच्छा है।

इतो – कोविड के मुश्किल समय में नयी राह चुनने के इस जोश ने मेरे दिल को छू लिया। बिना हार माने करियर में आगे बढ़ने के लिए मेहनत करते जाने का आप सब का जज़्बा उन सब को बहुत हिम्मत देगा जो जापान आने के बारे में सोच रहे हैं।

आशिनी जी (श्रीलंका) – मुझे श्रीलंका वापस जाकर वृद्धाश्रम बनाना है और अपने माता-पिता के साथ रहना है।

शितुमिनी जी (श्रीलंका) – मुझे आगे भी देखभाल की पढ़ाई करके जापान में ही काम करना है क्योंकि जापान विकसित देश है, सुरक्षित है और यहाँ सब सुविधाएँ भी हैं।

सुज़ुकि – मुझे यह जानकर बहुत अच्छा लग रहा है कि विदेशों से आये ये लोग आगे भी देखभाल के क्षेत्र में काम करते रहेंगे।

इतो – तीन भागों में प्रस्तुत किया गया यह सेमिनार “जापान में रह रहे विदेशियों के अनुभव और विचार” अब समाप्त होने वाला है। अन्त में प्रोफ़सर सुज़ुकि से अनुरोध है कि वे दो शब्द बोलें।

सुज़ुकि – आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरे विचार में यहाँ काम से ज़्यादा, काम करने के तरीके के बारे में बात हुई। मुझे यह बात भी खास लगी की रहन-सहन भी काम के बारे में हुई बातचीत का हिस्सा था।

यहाँ ऐसे लोग भी हैं जो आगे चलकर अपने देश लौचना चाहते हैं। वे सिर्फ़ काम करने की जगह बदलने के लिए ऐसा नहीं कर रहे बल्कि जापान में सीखी हुई बातों को अपने देश में ले जाकर दोनों देशों को जोड़ने की भूमिका निभाना चाहते हैं। यह बहुत एक्साइटिंग है।

इतो – मुझे भी सबकी बात सुनकर बहुत खुशी हुई। पता लगा कि सब बहुत सारे लोगों से मिल रहे हैं और अपने काम का पूरा आनन्द ले रहे हैं। मेरा सपना है कि आगे भी विदेशी लोगों के साथ काम करते हुए जापान के भविष्य के बारे में सोच सकूँ।

 

यहाँ हमने सेमिनार में हुई बातचीत के कुछ अंश पढ़े। विडियो में इसके अलावा भी जापानी संस्कृति की खासियत के बारे में विस्तार से विदेशी कर्मियों से जान सकते हैं। विडियो का लिंक नीचे दिया हुआ है। देखिएगा ज़रूर।

03. “जापान आकर काम करने की इच्छा रखने वाले विदेशियों के लिए जापान में रह रहे विदेशियों के अनुभव और विचार”, भविष्य की योजना