जापान के आकर्षण और JCWG के सेमिनार से सीखी बातें (बातचीत – भाग 1)

जापान के आकर्षण और JCWG के सेमिनार से सीखी बातें (बातचीत – भाग 1)

जापान आकर काम करने के बारे में सोच रहे लोगों को जापान में रह रहे विदेशियों के अनुभव और विचार सुनने का मौका देने के लिए हमने एक सेमिनार का आयोजन किया था। इस सेमिनार के संचालक थे होक्कोइदो चिकित्सा विश्वविद्यालय अग्रणी शोध संवर्धन केन्द्र के यूको इतो और शिज़ुओका प्रिफ़ैक्चर विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर तोशिफ़ुमि सुज़ुकि। उन्होंने जापान में काम कर रहे विदेशियों से जापान के आकर्षणों, यहाँ आने वाली समस्याओं के समाधान और अन्य विषयों पर बात की, जिसे हमने विडियो में रिकॉर्ड किया है।

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निर्दिष्ट कुशल कामगार योजना की जानकारी देने के लिए अक्तूबर 2021 से लेकर जनवरी 2022 के बीच हर देश में “Japan Care Worker Guide (JCWG) ऑनलाइन सेमिनार” का आयोजन हुआ था। भाग 1 में हमने इस सेमिनार का संचालन करने वाले 4 विदेशियों से जापान के आकर्षणों और JCWG के सेमिनार में सीखी बातों के बारे में पूछा।

इतो: “जापान में रह रहे विदेशियों के अनुभव और विचार – भाग 1” में इंडोनेशिया से अगुन जी, फ़िलिपीन्स से टिफ़नी जी, श्रीलंका से तिली जी और वियतनाम से एन जी से हमने शिज़ुओका प्रिफ़ैक्चर अल्पावधि विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर सुज़ुकि से साथ बातचीत की।

ये चारों अब जापान में ही देखभाल से अलग क्षेत्र में काम कर रहे हैं और विदेशियों के लिए आयोजित “Japan Care Worker Guide (JCWG) ऑनलाइन सेमिनार” का संचालन कर चुके हैं। उन्होंने अपने संचालन के अनुभव के बारें में बताया।

अगुन जी (इंडोनेशिया) – पहला अनुभव था इसलिए डर लग रहा था। लोकिन अच्छी बात यह थी कि अपनी भाषा में बोलना था इसलिए बहुत सारी बातें हो सकीं।

टिफ़नी जी (फ़िलिफीन्स) – मुझे संचालन का अनुभव तो है पर ऑनलाइन सेमिनार पहली बार था इसलिए अपनी भाषा में होने के बावजूद थोड़ी खबराहट हुई। पूरे समय फ़िक्र लगी हुई थी कि कुछ गलत न बोल दूँ।

इतो – “JCWG ऑनलाइन सेमिनार” में सबने निर्दिष्ट कौशल के बारे में समझाया। क्या आप निर्दिष्ट कौशल के बारे में पहले से जानते थे?

एन जी (वियतनाम) – इस योजना के बारे में वियतनाम के टीवी और सोशल मीडिया पर जानकारी दी जा रही थी इसलिए पता था। विस्तृत जानकारी इस सेमिनार में मिली।

तिली जी (श्रीलंका) – जापान में निर्दिष्ट कौशल योजना है यह पता था लेकिन जहाँ तक मुझे जानकारी है श्रीलंका में इसकी परीक्षा पिछले साल दिसम्बर से शुरू हुई। इसलिए अब जाकर हम यहाँ के लोगों को इसके बारे में बता सकते हैं।

जानकारी देते ही ऐसे लोग भी सोशल मीडिया के ज़रिये हमसे सम्पर्क करने लगे जिन्हें इस योजना के बारे में कुछ पता नहीं था। अब तक इन देशों में परीक्षा का आयोजन नहीं हो रहा थी इसलिए लोगों को योजना में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर पा रहे थे, लेकिन अब सोशल मीडिया पर बहुत से लोग निर्दिष्ट कुशल कामगार बनने की पढ़ाई कर रहे हैं।

इतो – जापान में “निर्दिष्ट कुशल कामगार” के अलावा बहुत तरह की निवास योग्यताएँ हैं। बहुत से लोग देखभाल का काम करते हुए अपना कौशल बढ़ाने के लिए भी मेहनत करते हैं। प्रोफ़सर सुज़ुकि, इस बारे में आपका क्या कहना है?

सुज़ुकि – मैं देखभाल कर्मी प्रवीणता के लिए पढ़ाई करने वालों और देखभाल कर्मियों को पढ़ाता हूँ इसलिए अकसर निर्दिष्ट कुशल कामगार योजना पर जापान आये लोगों से मिलता हूँ। देखभाल कर्मी प्रवीणता की राष्ट्रीय परीक्षा होती है। इसमें पास होने पर आप “देखभाल कर्मी” निवास योग्यता ले कर लम्बे समय तक जापान में काम कर सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि सब इसका इस्तेमाल करके आगे बढ़ेंगे।

इतो – इस सेमिनार के दूसरे भाग में हम निर्दिष्ट कौशल योजना और विदेशियों के लिए निर्दिष्ट कौशल योजना का उपयोग करके देखभाल केन्द्रों में काम कर रहे लोगों से बात कर रहे हैं। अगुन जी, आपने ऑनलाइन सेमिनार में देखभाल केन्द्रों में विदेशियों को काम करते हुए देखा। उन्हें देखकर आपको कैसा लगा?

अगुन जी (इंडोनेशिया) – ओकायामा प्रिफ़ैक्चर के देखभाल केन्द्र में काम कर रही आयू जी से ढेर सारी बातें की। उन्होंने किसी स्कूल में जाकर नहीं, बल्कि खुद जापानी भाषा की पढ़ाई की और एक ही साल में जापानी भाषा प्रवीणता परीक्षा का N2 लेवल पास कर लिया जिसका मतलब है कि वे जापानी भाषा में आसानी से बातचीत कर सकती हैं। ये बात मुझे बहुत अच्छी लगी। वे सिर्फ़ आपने लिए ही नहीं, अपने परिवार के लिए जापान आकर काम कर रही हैं। इस बात ने दिल को छू लिया।

इतो – दूसरे भाग में आयू जी भी हिस्सा ले रही हैं। उनसे भी फिर से बात करेंगे। अब हम आप सब से यह जानना चाहते हैं कि जापान में काम करने के क्या आकर्षण हैं।

टिफ़नी जी (फ़िलिपान्स) – काम का हर क्षेत्र अलग होता है लेकिन मेरे देश की तुलना में यहाँ वेतन ज़्यादा है और यह बड़ी बात है। अगर आप फ़िज़ूल खर्ची न करें तो जापान में रहने में कोई परेशानी नहीं होगी। जापानी कम्पनियों में अधिकतर लोग जेनेरलिस्ट होते हैं। इसलिए अगर आप कॉलेज की पढ़ाई पूरे करके काम पर लगे ही हैं तो आप बहुत कुछ सीख सकते हैं। 6 से 12 महीनों में आप दूसरे विभाग में भी काम कर सकते गैं इसलिए अपने स्किल्स बढ़ाना भी आसान है।

तिली जी (श्रीलंका) – मैंने अब तक दो कम्पनियों में काम किया है। कहीं भी विदेशियों के लिए कोई भेदभाव महसूस नहीं हुआ। बल्कि हमेशा मदद ही मिली। जब तक आप जापान के कानून और यहाँ के लोगों के काम करने के तरीके का पालन कर रहे हों बुरा अनुभव होने की संभावना कम है। जापान सुरक्षित देश है। अपने करियर पर ध्यान देते हुए रोज़ अच्छे से काम कर सकते हैं। यह बड़ी बात है।

एन जी (वियतनाम) – जापान में महिलाओं के लिए काम करना बहुत आसान हैं। नैतिक नियम कड़े हैं और वेतन के अलावा अन्य सुविधाएँ भी अच्छी हैं। स्वास्थ्य बीमा भी करना होता है, कैंसर जाँच भी मुफ़त होती है। वियतनाम के मुकाबले छुट्टियाँ भी ज़्यादा हैं। इसके अलावा माँओं के लिए बच्चे के जन्म और देखभाल के लिए छुट्टियाँ लेने की योजना भी है।

इतो – जापानी महिलाओं के अनुसार जापान में काम करना अब भी महिलाओं के लिए बहुत मुश्किल है। लेकिन विदेश से आए लोगों के विचार अलग हैं। हमें आगे भी कोशिश करते रहना है कि पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए ही काम करने के वातावरण में और सुधार लाये जाएँ।

सिज़ुकि – हमने विदेशियों से जापान में काम करने से जुड़ी परेशानियों के बारे में सुना। वेतन भी ज़रूरी है, लेकिन उससे भी ज़्यादा यह जानना ज़रूरी है कि यहाँ काम करने का माहौल इन्हें ठीक लगता है या नहीं। जापान में कर्मचारियों की ट्रेनिंग और प्रविणता बढ़ाने के लिए “करियर पाथ” तैयार करने के प्रयास जारी हैं। अभी लम्बा सफ़र बाकी है। आगे भी हमें विदेशियों के काम करने के वातावरण को बेहतर बनाते जाना है।

इतो – धन्यवाद। सेमिनार के पहले भाग में हमने जापान में रह रहे विदेशियों के अनुभव और विचार सुने। इस भाग में हिस्सा लेने वाले विदेशी भाग 3 में दोबारा हमारे साथ जुड़ेंगे। सेमिनार के दूसरे भाग में, फिर मिलेंगे।

यहाँ हमने सेमिनार में हुई बातचीत के कुछ अंश पढ़े। विडियो में इसके अलावा भी आप विदेशी कर्मियों से जापान आने के कारण या जापान आने के बाद में अनुभवों के बारे में जान सकते हैं। विडियो का लिंक नीचे दिया हुआ है। देखिएगा ज़रूर।