जापान में देखबाल कर्मियों के अनुभव और सलाह

जापान में देखबाल कर्मियों के अनुभव और सलाह

इन दिनों जापान में विदेश से आये बहुत से देखभाल कर्मी काम कर रहे हैं। हमने सर्वेक्षण और इंटरव्यू करके ऐसै लोगों से जाना कि विदेशी भाषा का इस्तेमाल करके नये माहौल में काम करने का अनुभव कैसा है। उन्होंने जापान आने के बारे में सोच रहे लोगों के लिए सलाह भी दी। अगर आप देखभाल कर्मी के तौर पर जापान आने में रुचि रखते हैं तो यह जानकारी आपके काम आ सकती है।

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देखभाल कर्मी के तौर पर काम करते हुए किस बात ने आपके मन पर सबसे गहरी छाप छोड़ी है?

देखभाल कर्मी का काम बुज़ुर्गों औप विकलांगों की सहायता करना है। यह बहुत ज़िम्मेदारी वाला महत्त्वपूर्ण काम है। साथ ही. मरीज़ से बातें करके और देखभाल केन्द्र में तरह-तरह के आयोजम करके आप बहुत सारी नयी यादें भी बनाते हैं।

जापान में देखभाल कर्मी के तौर पर काम करते समय कैसी यादें बनती हैं? पहले जान लेते हैं कुछ मज़ेदार यादें।

ओकायामा प्रिफ़ैक्चर के एक देखभाल केन्द्र में काम करने वाले फ़िलिपीन्स के श्री एल्बर्ट फ़र्नानडेज़ ने बताया, “शाम के नाश्ते का समय मज़ेदार होता था। सब मरीज़ हॉल में आ जाते थे और देखभाल कर्मियों के साथ मिलकर गाने गाते थे, गेम खेलते थे। बुज़ुर्गों को हँसता-खेलता देखकर मुझे भी बहुत खुशी मिलती थी। आम तौर पर व्यस्त रहने वाले देखभाल कर्मियों को भी थोड़ा आराम मिल जाता था।”

ह्योगो प्रिफ़ैक्चर के एक देखभाल केन्द्र में काम करने वाली वियतनाम की सुश्री होआँग थी गोक आन ने बताया, “एक बार देखभाल केन्द्र के आयोजन में मैंने वियतनाम का फ़ो बना कर बेचा। मरीज़ों और उनके परिजनों ने जब फ़ो खाकर उसकी तारीफ़ की तो मुझे बहुत खुशी हुई। एक बार मरीज़ों और देखभाल कर्मियों ने जापान के बोन पर्व पर साथ मिलकर बोन नृत्य भी किया था। मैं पहली बार वह नृत्य कर रही थी इसलिए अच्छी तरह से तो नहीं नाच पायी लेकिन मज़ा बहुत आया।”

इसके बाद हमने देखभाल कर्मियों से पूछा कि काम करते समय किन बातों से उन्हें हैरानी होती थी।

ओकायामा प्रिफ़ैक्चर के एक देखभाल केन्द्र में काम करने वाले फ़िलिपीन्स के श्री एल्बर्ट फ़र्नानडेज़ ने बताया, “रात का शिफ़्ट करते समय कई बात देर रात को बुज़र्ग मरीज़ केन्द्र के अन्दर अकेले इधर-उधर घूमते हुए नज़र आ जाते थे। शुरू-शुरू में बहुत हैरानी होती थी।”

इंडोनेशिया की सुश्री रिसवन्ती ने कहा, “मरीज़ को खाना खिलाना, शौचालय ले जाना या चलने-फिरने में मदद करना हमारा काम होगा इसका मुझे अन्दाज़ा था, लेकिन यह जान कर हैरानी हुई कि जापान में मरीज़ की नहाने में भी मदद की जाती है।”

वियतनाम की सुश्री होआँग थी गोक आन ने कहा, “नकली दाँत देखकर! जापान में बहुत सारे बुज़ुर्ग नकली दाँत लगाते हैं। वियतनाम में यह ज़्यादा आम नहीं है। जब मरीज़ ने अचानक अपने मुँह से दाँत निकाले तो मैं हैरान रह गयी।”

 

जापान में देखभाल कर्मी का काम करके आपको खुद में क्या विकास नज़र आया?

सबकी बातों से पता लगता है कि बुज़ुर्गों या विकलांग लोगों की मदद करने से नज़रिया बदलता है और वृद्ध लोगों से मिलने-जुलने के तरीके में भी बदलाव आता है। कुछ लोग जापान में देखभाल का काम सीखकर अपने देश लौटने के बाद वहाँ अपनी शिक्षा और अनुभव को काम में वा रहे हैं। नये माहौल में सीखी भाषा और विद्या का प्रभाव बाद में भी काम या ज़िन्दगी में दिखाई देता है। पढ़िए जापान में काम कर चुके कुछ देखभाल कर्मियों के उत्तर।

“भले ही कोई बूढ़ा हो गया हो या विकलांग हो, हमें उनका सम्मान करना चाहिए। ऐसा नहीं कि उनकी हर काम में मदद करो। मैं यह सीखा कि हमें उनकी इस तरह से मदद करने चाहिए कि वे अपने ज़्यादा से ज़्यादा काम खुद कर पाएँ।”

“जब स्ट्रोक के कारण मेरी दादी को आधे शरीर में लकवा मार गया था जब उन्हें देखभाल की ज़रूरत पड़ी। तब मैंने जापान में सीखे हुए तरीको अपने परिवार को भी सिखाये।”

“जब दादी को मनोभ्रंश हुआ तो मैंने उनकी देखभाल की। जापान में सीखी हुई सभी बातें काम आयीं। खासकर, नहलाना, खाना खिलाना और डायपर बदलना।”

“मैं बातचीत का महत्त्व सीख। अब मैं लोगों की बातें पहले से ज़्यादा ध्यान से सुनती हूँ।”

“मुझे मुश्किल परिस्थितियों में भी सोच-समझकर काम करना आ गया है। किसी पर नाराज़ होने से पहले यह सोचना आ गया है कि मैं खुद गलत तो नहीं हूँ।”

 

जापान जाकर देखभाल का काम करने की इच्छा रखने वालों के लिए अनुभवी कर्मियों की सलाह

विदेशी माहौल में विदेशी भाषा का इस्तेमाल करके देखभाल का काम करना रोज़ नयी चुनौती का सामना करने जैसा है। परिवार से दूर होने के कारण घर की याद भी सताती है, और काम, भाषा और पढ़ाई की वहज से तनाव भी होता है। ऐसे में बहुत से लोग जापानी भोजन और संस्कृति का अनन्द लेकर जापान में मज़े से वक्त बिताते हैं। अगर आप भी जापान आकर देखभाल का काम करने की सोच रहे हैं तो इन अनुभवी लोगों की सलाह आपके काम आ सकती है।

“जापान जाने से पहले जापानी भाषा अच्छी तरह से सीख लेना अच्छा है। अगर आपकी भाषा अच्छी होगी तो आप ज़्यादा चीज़ों का मज़ा ले लकेंगे। मन लगाकर पढ़ाई कीजिएगा।”

“जापानी भाषा और संस्कृति की पढ़ाई ठीक से करना बहुत ज़रूरी है। शुरू में मुश्किल होगी, लेकिन जब आप आसानी से बात कर पाएँगे तो जापान में रहना उतना कठिन नहीं लगेगा।”

“छुट्टी के दिन फ़िल्में देखना , साकुरा के फूल देखने जाना और मौज-मस्ती करके तरोताज़ा महसूस करना बहुत ज़रूरी है।”

“जापान नियमों वाला देश है। पहले से जानकारी इकट्ठा करना और जापान जाने के बाद धीरे-धीरे सीखना अच्छा रहेगा।”

“शुरू के कुछ महीनों तक काम करने के बाद मुझे घर की बहुत याद आने लगी थी। जापान आने की वजह याद करके मेंने खुद ही अपना हौसला बढ़ाया। पहले-पहले मुश्किल हुई लेकिन एक बार आदत पड़ने के बाद मुझे जापान में रहने में मज़ा आने लगा।”

“जापान में रहते समय घर जाने का कोई मौका नहीं था। लेकिन जापान में वाई-फ़ाई सुविधा अच्छी है इसलिए परिवार के साथ विडियो कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर एक ही देखभाल केन्द्र में एक ही देश के दो कर्मी हों तो वे एक-दूसरे के लिए परिवार जैसे हो जाते हैं।”