विदेशी देखभाल कर्मियों के साथ काम करने वाले जापानी कर्मियों के इंटरव्यू – 1

विदेशी देखभाल कर्मियों के साथ काम करने वाले जापानी कर्मियों के इंटरव्यू – 1

विदेशों से जापान आकर काम करने में शायद सबसे ज़्यादा चिंता आपको इस बात की होगी कि जापानी लोगों से बातचीत कैसे करेंगे। यहाँ आप विदेशियों के साथ काम करने वाले जापानियों के इंटरव्यू पढ़ सकते हैं। विदेशियों को काम पर रखने वाले केन्द्रों के लोगों का कहना था कि केन्द्र में रौनक बढ़ गयी, कर्मियों के बीच एकता बढ़ी और साथ काम करने में मज़ा आया।

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आप इंटरव्यू के विडियो भी देख सकते हैं।

यहाँ आप कुछ ऐसे जापानी देखभाल कर्मियों के इंटरव्यू पढ़ सकते हैं जिनके देभखाल केन्द्र में विदेशी भी काम करते हैं। इंटरव्यू के विडियो भी उपलब्ध हैं।

ओकायामा प्रिफ़ैक्चर में इंडोनेशिया की आयू जी के साथ काम करने वाले इज़ुमि जी

होक्काइदो में वियतनाम की रिन जी और होआइ जी के साथ काम करने वाले उजि जी

होक्काइदो में कम्बोडिया के मून जी और री जी के साथ काम करने वाले ओगुरा जी

नागानो प्रिफ़ैक्चर में फ़िलिपीन्स की स्टेला जी और लवली जी के साथ काम करने वाले किनोशिता जी

 

विदेशयों के साथ काम करके क्या अच्छा लगा?

(इज़ुमि जी) सिखाने वाला भी अपने शुरुआती दिन याद करने लगता है। विदेशियों को मन लगाकर काम करते हुए और पूरी लगन से सीखते हुए देखकर हमें भी और मेहनत करने का मन करता है।

(उजि जी) विदेशियों का उत्साह, सीखने की लगन और मेहनत देखकर जापानी कर्मियों पर भी अच्छा असर पड़ता है और उन्हें भी दिल लगाकर काम करने की प्रेरणा मिलती है।

(ओगुरा जी) मैं उनके प्रश्नों के जवाब आसान शब्दों में देने के तरीके सोचना लगा।

(किनोशिता जी) हमें अंग्रेज़ी या दूसरी विदेशी भाषाएँ सीखने के अवसर नहीं मिले। साथ काम करने वाले विदेशियों से हम बेझिझक पूछ पाते हैं कि किसी बात को अंग्रेज़ी में कैसे बोलॆंगे। इससे बहुत मदद मिलती है। उनकी जापानी भी अच्छी होती है, इसलिए बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

 

आप विदेशियों से बातचीत कैसे करते हैं और किस बात का खास खयाल रखते हैं?

(इज़ुमि जी) हम आसान जापानी भाषा में बात करने की पूरी कोशिश करते हैं। इशारों, तस्वीरों या अंग्रेज़ी का इस्तेमाल करना, और धीरे-धीरे बोलना ज़रूरी है।

(उजि जी) ध्यान से बात करना, आराम से बोलना और मुस्कुराना ज़रूरी है।

(ओगुरा जी) आयोजन आदि में हम कम्बोडियाई कर्मी से पूछते हैं कि उनके देश में कैसा होता है। इससे उन्हें बात करने का मौका मिलता है और एक-दूसरे को समझने में मदद मिलती है।

(किनोशिता जी) नोट्स साझा करते समय कांजि का कम से कम इस्तेमाल करना, जापानी के हिरागाना और काताकाना का ज़्यादा उपयोग करके अपनी बात समझाना, इन बातों का ध्यान रखने की कोशिश रहती है। बात करने में ज़्यादा परेशानी नहीं होती। सब हमसे आराम से बात कर लेते हैं इसलिए किसी खास बात पर ध्यान देने की ज़रूरत नहीं पड़ती।

 

विदेशी कर्मियों के साथ काम या बातचीत करने से जुड़ा कोई खास किस्सा याद हो तो बताएँ?

(इज़ुमि जी) विदेश में, भाषा अच्छी तरह से न जानते हुए भी, पूरी लगन से मरीज़ों से बात करने की कोशिश करते हुए, मेहनत से काम करते विदेशियों को देखकर बहुत अच्छा लगता है। जापानी संस्कृति को जानने की कोशिश भी दिखाई देती है। मुझे याद है कि सब युकाता पहन कर कितने खुश लग रहे थे।

(उजि जी) मुझे याद है कि वे लोग मरीज़ों के साथ सोफ़ा पर बैठ कर चाय पीते थे और बातें करते थे। उन्हें देखकर जापानी लोगों के दिल भी भर आते थे। ऐसा लगता था जैसे दादी-पोती मज़े से बात कर रहे हों।

(ओगुरा जी) मई में हमने कम्बोडिया की डांस पार्टी का आयोजन किया था। सबको बहुत मज़ा आया और कम्बोडिया की कर्मी का आत्मविश्वास भी बढ़ा।

(किनोशिता जी) हमारे विदेशी साथी हमेशा मुस्कुराते हुए प्यार से मरीज़ों की देखभाल करते हैं। सिर्फ़ मरीज़ों के साथ ही नहीं. दूसरे कर्मियों के साथ भी बहुत अच्छी तरह से पेश आते हैं। उन्हें देखकर हैरानी होती है कि हमेशा इतने प्यार से बात कैसे कर पाते हैं। चाहे जितनी भी मुश्किल आए, कभी चेहरे पर नहीं दिखाते, बस मेहनत करते जाते हैं। हमें भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

 

देखभाल केन्द्र के मरीज़ विदेशी कर्मियों से कैसे बात करते या मिलते-जुलते हैं?

(इज़ुमि जी) सुना है कि शुरू में नाम और चेहरा याद रखने में मुश्किल होती थी, लेकिन एक बार याद होने के बाद मरीज़ अकसर उनका नाम पुकारते सुनाई देते हैं। मरीज़ उन पर भरोसा करते हैं। उन्हें मेहनत से काम करते हुए देखकर बहुत अच्छा लगता है।

(उजि जी) विदेशी कर्मियों की मेहनत देखकर मरीज़ भी बोलते हैं कि वे बहुत मेहनती हैं, लगन से काम करते हैं और उनकी मुस्कुराहट प्यारी है।

(ओगुरा जी) इनके हँसमुख स्वभाव के कारण मरीज़ इनसे प्यार करते हैं। अपने नाती-पोतों की तरह “मेन्कोइ” समझते हैं। (“मेन्कोई” होक्काइदो बोली का शब्द है। इसका अर्थ है प्यारा।)

(किनोशिता जी) सबका बर्ताव आम ही है। जैसे किसी भी आम लड़की से बात करेंगे वैसे ही वे भी हमारी टीम का हिस्सा हैं।