जापान में केयर मैनेजर के तौर पर काम करने वाले एक विदेशी इंसान की सच्ची कहानी 1

जापान में केयर मैनेजर के तौर पर काम करने वाले एक विदेशी इंसान की सच्ची कहानी 1

डिकी योनाता, जो पहले EPA केयर वर्कर थे और अब ताकामात्सु शहर,कागावा प्रांत में बुजुर्गों के लिए केंशोकाई बाडेन हेल्थकेयर फैसिलिटी में केयर मैनेजर हैं,और अपने देश में नर्स के तौर पर काम कर चुके हैं, उनके साथ हमारे इंटरव्यू सीरीज़ के पहले भाग में, हमने डिकी से पूछा था कि उन्हें केयर इंडस्ट्री में काम करना इतना फायदेमंद क्यों लगा.

 

श्री डिकी योनाता

इनका जन्म इंडोनेशिया के सुमात्रा हुआ था. श्री योनाता 2012 में EPA केयर वर्कर उम्मीदवार के तौर पर जापान आए थे. साल 2015 में उन्होंने एक सटिफाइड केयर वर्कर के तौर पर और साल 2021 में एक केयर सपोर्ट (केयर मैनेजर) स्पेशलिस्ट के तौर पर योग्यता हासिल की. उसी साल उनकी शादी हुई और अब वह दो बच्चों के पिता हैं.

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इंडोनेशिया में नर्स के जैसे काम करने से लेकर जापान में सर्टिफाइड केयर वर्कर के तौर पर काम करने तक

जापान आने से पहले, मैंने इंडोनेशिया के जावा में एक विश्वविद्यालय से नर्सिंग की पढ़ाई की और ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद एक साल तक एक अस्पताल में नर्स के तौर पर काम किया. मेरी हमेशा से यह इच्छा थी कि मैं विदेश में काम करूं और मैं यूरोप या अमेरिका जाने के बारे में सोच रहा था, लेकिन मैं सांस्कृतिक अंतर को लेकर चिंतिंत था. जापान भी एक एशियाई देश है, जो मेरे देश इंडोनेशिया के करीब है, और दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी समझौता (EPA) भी है.

 

मैं कई मामलों में ऊँचे स्तर से भी प्रभावित था. जापान के लोग दुनिया में सबसे लंबी उम्र तक जीते है और साथ ही एक साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर विश्व में सबसे कम है. जापान के पासपोर्ट से उसके नागरिक दुनिया भर के देशों में सफ़र कर सकते हैं, और जापान अपनी मेहमाननवाज़ी की परंपरा के साथ-साथ सुशी के लिए भी मशहूर है.

 

पहले तो, मैं जापान में नर्स के तौर पर काम करना चाहता था, लेकिन EPA के तहत नर्स की नौकरी का उम्मीदवार बनने के लिए मुझे अस्पताल में काम करने का कम से कम दो साल का अनुभव चाहिए था. मुझे लगा कि बात जब दूसरों के लिए काम करने की हो तो इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता, इसलिए मैं केयर वर्कर के उम्मीदवार के तौर पर जापान आ गया. लेकिन जैसे-जैसे, मैं रोज़ाना काम करता गया, मुझे केयर करने का काम और भी ज़्यादा फ़ायदेमंद लगने लगा.

 

केयर वर्कर रोज़ाना मरीजों को खाना खाने, उनके स्वास्थ्य में सुधार लाने और भावनात्मक रूप से उनको सहारा देने में मदद करते हैं. कुछ मरीज घर जाना चाहते हैं, कुछ भूलने की बीमारी से जूझ रहे होते हैं, और कुछ अपनी चिंता व हताशा की शिकायत करते हैं. हम रोज़ उनसे बात करते हैं, उनकी बात सुनते हैं. फैसिलिटी के आधार पर, नर्सों की संख्या सीमित हो सकती है, लेकिन, जो महत्वपूर्ण बात है, वह मरीजों के करीब रहना है, और असल में केयर वर्कर यही काम करते हैं. जब मैं मरीजों की कहानियां सुनता हूं और हर दिन उनके करीब रहता हूं, तो मुझे यह भरोसा होने लगा है कि मैं केयर में काम करने के लिए बिलकुल सही व्यक्ति हूँ.

 

यर वर्कर से लेकर साइट लीडर और फिर केयर मैनेजर बनने तक

मैं साल 2015 में सटिफाइड केयर वर्कर बन गया था. पहले मैं निर्देशों का पालन करते हुए काम करता था, लेकिन मेरा सर्टिफिकेशन मिलने के बाद, मैंने सावधानीपूवर्क यह सोचना शुरू किया कि मैं कैसे बेहतर केयर दे सकता हूँ. मैंने मरीजों के चलने के ढंग और चेहरे के हाव-भाव में छोटे-छोटे बदलावों पर गौर करना शुरू कर दिया, और अब मैं इन बदलावों को मेरे द्वारा दी जाने वाली केयर से जोड़ सकता हूँ.

 

इसके बाद, मैं फ्लोर लीडर बन गया और केंशोकाई में “नेक्स्ट” नामक एक इंटरमीडिएट मैनेजमेंट का पदभार संभाला. अब मैं एक मैनेजर और डिप्टी हेड हूँ. मुझे जूनियर स्टाफ को सिखाने के कई अवसर मिलते हैं, और मैं अपने ज्ञान और अनुभव को व्यवस्थित रखता हूँ और उन्हें बताता हूँ. केयर वर्क के दिशा-निर्देश विदेशियों और जापानी नागरिकों के लिए एक जैसे हैं, लेकिन मैं EPA प्रोग्राम के तहत जापान आने वाले जूनियर स्टाफ को नेशनल सर्टिफाइड केयर वर्कर की परीक्षा के लिए तैयारी करने में भी मदद करता हूँ. सर्टिफिकेशन पाने के लिए जापानी भाषा समझना ज़रूरी है. कई बार ऐसा होता है कि काम करते हुए पढ़ाई करना मुश्किल हो जाता है, लेकिन मैं उम्मीद करता हूँ कि वे डटे रहेंगे और लगातार खुद को बेहतर बनाते रहेंगे.

 

मैं एक केयर मैनेजर बनना चाहता था क्योंकि मैंने कई मरीजों में उनके केयर प्लान के आधार पर बदलाव देखे हैं. मुझे लगा कि अगर मैं कुछ ख़ास तरह के लोगों के लिए कोई ख़ास प्लान बना सकूं, तो वे ज़्यादा मज़ेदार और खुशहाल ज़िंदगी जी पाएंगे. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए, मैंने वो इंसान बनने का फैसला किया जो केयर प्लान बनाने का इंचार्ज हो.

 

एक साल की पढ़ाई के बाद, मैंने 2021 में एक केयर मैनेजर की योग्यता हासिल कर ली. अभी, मैं लगभग 15 लोगों के केयर प्लान का इंचार्ज हूं. हर एक मरीज को सबसे अच्छा प्लान उपलब्ध कराने के लिए, मैं हमेशा यह सोचता हूँ कि असल में मरीज़ किस तरह की जिंदगी जीना चाहते हैं, और क्या वे अभी खुशहाल जीवन जी रहे हैं.