जापानी भोजन का नाम सुनकर शायद आपके मन में सुशि, रामेन या तेम्पुरा की छवि बनी होगी। हो सकता है कि आपको इस बात की फ़िक्र भी हो कि जापान में हमेशा जापानी खाना ही खाना पड़ेगा। अगर आपको कोई एलर्जी है, या आप धार्मिक कारणों से कुछ चीज़ें नहीं खा सकते, तो जापान में रहने से जुड़े कई सवाल आपके मन में उठते होंगे। यहाँ आप जापान में खान-पान के बारे में विदेशियों के विचार पढ़ सकते हैं।
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क्या जापान में सब जापानी भोजन ही खाते हैं?
मंगोलिया से जापान आयीं अनरबयार रेनचिनखोरोल ने कहा, “ऐसा नहीं है कि जापान में सिर्फ़ जापानी खाना ही मिलता है। मैं अब तक शायद ही किसी ऐसे विदेशी से मिली हूँ जिसे जापान आकर खाने-पीने में परेशानी हुई हो। लोगों को लगता है कि यहाँ हमेशा मछली ही खानी पड़ती है, मगर ऐसा नहीं है। बल्कि जापान की सड़कों पर चलते हुए आपको कई तरह के रेस्तराँ दिखाई देंगे। सुपर मार्केट और कन्वीनियंस स्टोर में भी बहुत किस्म की खाने की चीज़ें मिलती हैं। आप दुनिया के किसी भी हिस्से से आये हों, आपको अपनी पसन्द का खाना मिल ही जाएगा। जापानी भोजन में भी बहुत विविधता है और ये बहुत स्वादिष्ट भी होता है, तो आप भी तरह-तरह की चीज़ें चख कर देखिएगा।”
खाना पकाने के लिए सामग्री कहाँ मिलेगी?
नेपाल से आये श्री मणि ग्यावली को जापान में खाने-पीने को लेकर कोई शिकायत नहीं थी। उन्होंने बताया, “सुपर मार्केट से आप तरह-तरह की चीज़ें खरीद सकते हैं। कुछ में तो खाने-पीने की विदेशी चीज़ें भी मिलती है। लेकिन अधिकतर दुकानें शाम के 8-9 बजे बंद हो जाती हैं। अगर आपको देर हो गयी हो तो 24 घंटे खुले रहने वाले कन्वीनियंस स्टोर से आप थोड़ी बहुत चीज़ें खरीद सकते हैं। मैं तो नेपाली खाने से मिलती-जुलती सामग्री और मसाले खरीदता हूँ जो कभी-कभी पास की दुकानों में नहीं मिलते। ऐसे में मैं ऑनलाइन खरीदारी कर लेता हूँ। जापान में विदेशों की चीज़ें आसानी से ऑनलाइन मिल जाती हैं।”
जापानी भोजन खाने का सलीका
दूसरे देशों की तरह जापान में भी खाने-पाने से जुड़े कुछ नियम हैं। देखभाल केन्द्रों में बहुत सारे बुज़ुर्ग भी रहते हैं इसलिए ये नियम जानने से आपको आसानी रहेगी।
भोजन-संबंधी अभिवादन – खाना शुरू करने से पहले हाथ जोड़ कर “इतादाकिमासु” बोलते हैं, और खाने के बाद “गोचिसो सामा देशिता” कहते हैं।
चॉपस्टिक्स पकड़ने का तरीका – आमतौर पर दाएँ हाथ में चॉपस्टिक्स पकड़ते हैं और बाएँ हाथ से सहारा देते हैं। आजकल इंटरनेट पर बहुत सारे विडियो मिल जाते हैं जिनमें चॉपस्टिक्स से खाना सिखाते हैं। “चॉपस्टिक्स से खाना” से सर्च करके देखें। यह भी ज़रूर याद रखें कि व्यंजन में चॉपस्टिक्स फँसा कर रखना अच्छा नहीं समझा जाता।
खाना परोसना – जापानी भोजन परोसने के भी बहुत सारे नियम हैं। यह याद रखना सबसे ज़रूरी है कि खाने वाले के बाएँ हाथ पर चावल और दाएँ हाथ पर मिसो सूप रखते हैं। इसका उलटा मृत व्यक्तियों को भोग लगाते समय किया जाता है, इसलिए यह नियम याद रखना बहुत ज़रूरी है।
इसके अलावा कई बातें ऐसी भी हैं जो विदेशों में अच्छी नहीं मानी जातीं लेकिन जापान में उन्हें अशिष्टता नहीं माना जाता। जैसे सोबा नूडल्स खाते समय सुड़सुड़ाने की आवाज़ करना जापान में बुरा नहीं माना जाता। अगर आपके आस-पास जापानी लोग सुड़सुड़ाते हुए सोबा खा रहे हो तो हैरान न हों।
यहाँ हमने खाने-पीने से जुड़े कुछ ही नियम बताए हैं। ऐसे और भी बहुत सारे नियम हैं जिनके बारे में आप जापान जाने से पहले सीखकर, जापान में रहते समय काम में ला सकते हैं।
धर्म या अन्य कारणों से खाने-पीने की परेशानी
ह्योगो प्रिफ़ैक्चर में काम कर चुकीं इंडोनेशिया की सुश्री रिसवन्ती ने बताया, “जापान जाने से पहले मैं खाने-पीने के बारे में बहुत चिंतित थी। इस्लाम में बहुत सारी चीज़ें खाने की मनाही है। मुझे फ़िक्र थी कि हलाल सामग्री मिल पाएगी या नहीं, या कहाँ मिलेगी। जापान में पहले से काम कर रहे इंडोनेशियाई साथियों से बहुत जानकारी मिली। जापान में हलाल सामग्री बेचवे वाली बहुत सी दुकानें हैं, दूसरे देशों का सामान बेचने वाली दुकानें भी हैं, इसलिए खाने-पीने में ज़्यादा परेशानी नहीं हुई।” नेपाल के श्री मणि ग्यावली ने कहा, “कई रेस्तराँ ऐसे भी हैं जो आपकी ज़रूरत के अनुसार खाने में बदलाव भी कर देते हैं। यहाँ लोग बहुत अच्छे हैं। बस, जापानी भोजन के रेसतराँ में कभी-कभी बहुत मुश्किल विविरण लिखा होता है जो समझ नहीं आता।”
2013 में “जापानी लोगों की पारम्परिक भोजन संस्कृति” के तौर पर “जापानी भोजन” को यूनेस्को की अमूर्त साँस्कृतिक धरोहरों की सूची में दर्ज किया गया। जापान आने के बाद आप भी जापानी भोजन के अलग-अलग व्यंजन चख कर देखिएगा। अधिकतर रेस्तराँ में आज भी मेन्यू जापानी भाषा में ही लिखा रहता है, लेकिन उसे आप जापानी भाषा की पढ़ाई समझ सकते हैं। जापान के अलग-अलग क्षेत्रों में भी अलग व्यंजन मिलते हैं। जापान में खाने-पीने का पूरा मज़ा ज़रूर लें।