जापान के बुज़ुर्गों में, खासकर उनमें जो देखभाल केन्द्रों में रहते हैं अक्सर मनोभ्रंश की परेशानी देखी जाती है। देखभाल कर्मियों के लिए यह जानना ज़रूरी है कि मनोभ्रंश क्या है और ऐसे मरीज़ों की देखभाल कैसे करते हैं।
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क्या मनोभ्रंश बीमारी है?
मनोभ्रंश तब होता है जब दिमाग की बीमारी या विकलांगता जैसे किसी कारण से सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है।
इससे मरीज़ की याददाश्त या देनिक गतिविधियों पर असर पड़ता है।
मनोभ्रंश के लक्षण
अपना या परिवार के सदस्य का नाम याद न आना, कई बार पूछने के बाद भी भूल जाना या खाना खाकर भूल जाना।
बार-बार घर लौटने की बात कहना, रात को लगातार चलते रहना, कुछ न होने पर भी कुछ दिखाई या सुनाई देना…याददाश्त या भावनाओं से जुड़े कई लक्षण मनोभ्रंश में देखे जाते हैं। हर मरीज़ के लक्षण अलग हो सकते हैं।
मनोभ्रंश का इलाज
दवाओं से मनोभ्रंश बढ़ने की गति धीमी की जा सकती है लेकिन इसका पूरा इलाज संभव नहीं है।
हर मरीज़ के लक्षण देखते हुए देखभाल करना ज़रूरी है।
देखभाल का तरीका
जब कोई मरीज़ एक ही बात बार-बार पूछे या रात को उठ कर इधर-उधर चलने लगे तो शुरू में यह समझना मुश्किल होता है कि क्या करना चाहिए। पहली बार सभी को ऐसा लगता है। ऐसे में आप अनुभवी देखभाल कर्मी की सलाह ले सकते हैं। वे कैसे देखभाल करते हैं यह ध्यान से देखकर सीखना भी ज़रूरी है। धीरे-धीरे इस काम की आदत पड़ जाती है।