देखभाल का काम करने के लिए ज़रूरी जापानी भाषा का स्तर

देखभाल का काम करने के लिए ज़रूरी जापानी भाषा का स्तर

देखभाल सेवा का उपयोग करने वाले बहुत सारे मरीज़ सिर्फ़ जापानी भाषा ही जानते हैं। इसके अलावा काम करते समय इस्तेमाल किए जाने वाले सब कागज़ात भी जापानी भाषा में लिखे होते हैं। देखभाल के नया काम शुरू करते समय अपनी भाषा की जगह जापानी भाषा का इस्तेमाल करना मुश्किल लग सकता है। इसलिए हमने कुछ विदेशी देखभाल कर्मियों से पूछा कि देखभाल का काम करने के लिए जापानी भाषा का स्तर कितना होना चाहिए।

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देखभाल का काम करने के लिए जापानी भाषा जानना कितना ज़रूरी है?

देखभाल केन्द्रों के अधिकतर कर्मी जापानी हैं। शिफ़्ट बदलते समय मिलने वाली रिपोर्ट में भी देखभाल-संबंधी जापानी भाषा का इस्तेमाल होता है इसलिए भाषा जानना बहुत ज़रूरी है। अंग्रेज़ी या अन्य भाषाएँ बहुत कम लोगों को आती हैं इसलिए अगर आपको जापानी भाषा नहीं आती तो बात करना मुश्किल हो जाता है। वियतनाम की सुश्री होआँग थी गोक आन ने बताया, “देखभाल केन्द्र के जापानी कर्मियों के साथ मैं जापानी में बात करती हूँ। जापानी भाषा जितनी सीखो उतनी ही दिलचस्प होती जाती है। काम से जुड़े रिपोर्ट वगैरह पढते समय मैं डिक्शनरी या अनुवाद सॉफ़्टवेयर या इस्तेमाल करती हूँ। स्मार्टफ़ोन की डिक्शनरी सबसे ज़्यादा काम आती है। अगर किसी मरीज़ की बात समझ न आये तो उन्हें फिर से आसान शब्दों में समझाने को कह सकते हैं या दूसरे कर्मियों की मदद ले सकते हैं।”

जापान आकर देखभाल का काम करने के लिए जापानी भाषा जानना बहुत ज़रूरी है। पहले से पढ़ाई करके तैयार रहना अच्छा है।

 

जापान आने से पहले कितने समय तक जापानी भाषा की पढ़ाई करनी चाहिए?

हम यह तो जान गये कि देखभाल का काम करने के लिए जापानी भाषा सीखना आवश्यक है, लेकिन यह जानना भी ज़रूरी है कि जापान आकर देखभाल का काम शुरू करने वाले कर्मी कितने समय पहले से जापानी भाषा सीखना शुरू करते हैं। हालाँकि हर किसी की सीखने की गति अलग होती है, अधिकतर लोग जापान आने से लगभग 6 महीने या 1 साल पहले पढ़ाई शुरू कर देते हैं। लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि जापानी भाषा की परीक्षा पास किये बिना जापान आने की अनुमति न मिले। इसलिए जैसे ही आप जापान आकर देखभाल का काम करने का मन बना लें, जल्द से जल्द जापानी भाषा सीखना भी शुरू कर दें।

 

जापान आने के बाद जापानी भाषा की आदत पड़ने में कितना वक्त लगता है?

इंडोनेशिया की सुश्री रिसवन्ती ने बताया, “जब जापान में देखभाल का काम करना शुरू किया था तब बहुत से शब्द समझ नहीं आते थे। शुरू-शुरू में तो यह बोलने में भी हिचक होती थी कि बात समझ नहीं आयी, इसलिए हँस कर समझने का दिखावा कर देती थी। लेकिन जब बात काम से जुड़ी हो तो किसी की ज़िन्दगी उस पर निर्भर हो सकती है इसलिए किसी से पूछ कर अच्छी तरह से पूरी बात समझ लेती थी।”

फ़िलिपीन्स के श्री एल्बर्ट फ़र्नानडेज़ ने बताया, “जापान आने के बाद पहले के तीन महीने मेरी जापानी ज़्यादा अच्छी नहीं थी। आसान वाक्य तो लिख लेता था पर बोल नहीं पाता था। शायद बोल पाता पर आत्मविश्वास की कमी थी इसलिए कोशिश ही नहीं करता था। इसके अलावा, काम पर मैंने ऐसे बहुत से शब्द सीखे जो पढ़ाई करते वक्त नहीं सीखे थे।”

अलग-अलग लोगों को जापानी भाषा की आदत डालने में अलग-अलग समय लगता है, लेकिन ज़्यादातर लोगों को पहले 3 से 6 महीने मुश्किल लगते हैं और उसके बाद धीरे-धीरे आदत पड़ जाती है। शुरू में, दूसरे देश में काम करना मानसिक तौर पर भी मुश्किल लग सकता है, लेकिन जापान के ज़्यादातर लोग मदद करने को तैयार रहते हैं। अगर कुछ समझ न आये तो आप अपने आस-पास के लोगों से पूछ सकते हैं।

 

जापानी भाषा सीखने की कठिनाई

विदेशी लोगों को जापानी भाषा सीखते समय क्या सबसे मुश्किल लगता है – पढ़ना, लिखना या बात करना? जापान में देखभाल का काम कर चुके विदेशियों का इंटरव्यू लेते हुए हमें दिलचस्प बात पता चली। कुछ लोगों का कहना था कि जापानी भाषा की बोलियाँ सीखना मुश्किल है। असल में, जापान उत्तर से दक्षिण तक लम्बाई में फैला द्वीप देश है और यहाँ आज भी बहुत सारी बोलियाँ आम हैं। जैसे क्योतो की बोली या ओसाका की बोली। आइए, कुछ लोगों के जवाब पढ़ें।

“कान्साइ प्रदेश की बोली समझना मुश्किल था। मेरा काम कोबे के एक केन्द्र में था और वहाँ के कर्मी कान्साइ की बोली में बात करते थे। शुरू-शुरू में उनकी बात बिलकुल समझ नहीं आती थी।”

“केन्द्र के कर्मचारी और मरीज़ ओकायामा की बोली में बात करते थे इसलिए कुछ समझ नहीं आता था। बहुत मुश्किल था। मेरे ही देश से आये एक और देखभाल कर्मी ने मेरी मदद की।”

कुछ कर्मियों का कहना था कि मानक या स्टैंडर्ड जापानी का इस्तेमाल करते समय कुछ समझ न आने पर वे स्मार्टफ़ोन ऐप का इस्तेमाल करते हैं। आशा है कि टैक्नोलॉजी में सुधार के साथ भाषा से जुड़ी मुश्किलें भी हल होती जाएँगी.

 

जापानी भाषा सीखने का तरीका

जापान में देखभाल का काम कर चुके लोगों ने अपनी सलाह साझा की। जापानी भाषा की पढ़ाई करते समय आप भी इन्हें आज़मा सकते हैं।

“जहाँ तक हो सके अपनी तरफ़ से बात करने की कोशिश करती थी। व्याकरण की गलतियाँ या कुछ गलत बोल दिया तो क्या होगा यह सब न सोच कर, बस बात करना ज़रूरी है। अगर आपको मांगा या ऐनिमे पसन्द है तो मांगा पढ़ने के बाद उसी का ऐनिमेशन देख सकते हैं। मांगा पढ़ने के बाद ऐनिमेशन देखने से कहानी समझना और आसान हो जाता है। लड़कियों के लिए बनी फ़िल्में भी अच्छी रहती हैं। इनमें रोज़मर्रा की भाषा का ज़्यादा इस्तेमाल होता है इसलिए आप नैचुरल जापानी सीख जाते हैं (जापानी भाषा में लड़कियों के बात करने का तरीका लड़कों से अलग होता है)। ट्रेनिंग में तो व्याकरण या शब्द सिखाये जाते हैं लेकिन वह भाषा किताबी लगती है। नैचुरल भाषा सीखने में समय लगता है।” (इंडोनिशिया की सुश्री रिसवन्ती)

“जापानी भाषा जल्दी से सीखने के कुछ तरीके हैं। एक है रोज़ जापानी में कुछ न कुछ सुनना। एनएचके न्यूज़, ऐनिमे, फ़िल्में, ड्रामा, कुछ भी। सुनने का साथ-साथ बोलने के तरीके की नकल भी करते जाएँ। अगर कोई नया शब्द आये तो उसे नोट करके याद कर लें। जापान आने से पहले सीखी हुई जापानी भाषा और काम पर इस्तेमाल होने वाली भाषा बहुत अलग हैं। अगर आप आम जीवन में इस्तेमाल होने वाली या देखभाल कर्मी के काम आने वाली भाषा पर ध्यान देते हुए सीखेंगे तो काम शुरू करने के बाद बहुत मदद मिलेगी।” (वियतनाम की सुश्री होआँग थी गोक आन)