जापान में काम और रहन-सहन से जुड़े नियम

जापान में काम और रहन-सहन से जुड़े नियम

जापान आकर नया जीवन शुरू करते समय आपको ऐसे कई नियम सीखने होंगे जो विदेशियों को पता नहीं होते। हर देश में काम और रहन-सहन से जुड़े नियम होते हैं जो दूसरे देशों से अलग हो सकते हैं। अगर आप उन्हें उस देश की संस्कृति के तौर पर अपनाएँगे तो वहाँ रहना और काम करना और भी आसान हो जाएगा। जापानी लोगों को अपने देश के नियमों की इतनी आदत होती है कि उनपर ध्यान तक नहीं जाता। इसलिए यहाँ आप जापान में रहने के नियमों के बारे में जापान में काम कर चुके विदेशियों के विचार जान सकेंगे।

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जापान में काम करना

अलग-अलग देशों और अलग-अलग सोच रखने वाले लोगों को जापान में काम से जुड़े नियम अलग लग सकते हैं। हर संस्थान या देखभाल केन्द्र में भी नियम थोड़े अलग होते हैं। लगभग सभी विदेशियों का कहना था कि जापान में समय की पाबंदी बहुत ज़रूरी है।

यहाँ आप देखभाल कर्मियों के विचार और विदेशियों को काम पर रखने वाले केन्द्रों

“जब जापान में काम करना शुरू किया तो बहुत परेशानी हुई क्योंकि मेरे देश की संस्कृति अलग है। टाइम टेबल का पालन करना और हर काम समय से करना, मरीज़ों और जापानी कर्मियों से भाषा का अंतर और हमेशा अपनी साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखना…ये सब मुझे बहुत मुश्किल लगे। मेरे देश में काम ठीक से पूरा करना ज़रूरी है लेकिन समय की पाबंदी पर बहुत ज़्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। इसके अलावा काम में बड़े-छोटे पद के अन्तर या शब्दों के चयन पर भी हर समय ध्यान देने की ज़रूरत नहीं थी।”

“जापान में काम करके जो सबसे अच्छी बात मैंने सीखी वह है समय से 5 मिनट पहले काम शुरू करना। जो लोग सोच-समझ कर समय पर काम करते हैं वे दूसरों से समय का भी सम्मान करते हैं। नये साल पर ग्रीटिंग कार्ड भेजने की परम्परा भी मुझे बहुत अच्छी लगती है। आजकल जब सब काम इंटरनेट से होने लगे हैं तो ऐसे में हाथ से लिखे कार्ड पाकर दूसरों में साथ एक जुड़ाव महसूस होता है।”

“जापान में काम पर मेरे देश के मुकाबले बहुत ज़्यादा मीटिंग्स होती हैं। कभी-कभी तो पूरे दिन मीटिंग ही चलती रहती है। इसके अलावा बहुत सारे लोग बहुत देर-देर तक काम करते हैं।”

जापान में देखभाल का काम करने से जुड़ी जानकारी में भी नियमों के बारे में ध्यान रखने की बातें लिखी रहती हैं। नीचे ऐसे ही कुछ नियम दिये गये हैं।

जापान में हर बात साफ़ शब्दों में नहीं बोलते। कभी कभी आपको आस-पास के माहौल और बोलने वाले के इरादे का अंदाज़ा लगा कर खुद बात समझनी होती है।”

जापान में काम करते समय खबर देने, सम्पर्क करने और सलाह लेने को बहुत ज़रूरी समझा जाता है।

 

सामाजिक नियम और परम्पराएँ

जब कोई जापान घूमने आता है तो उसे जापान के उन नियमों का पता चलता है जो उसके अपने देश से अलग हैं। लेकिन जापान में रहने से नियमों की समझ और भी बढ़ जाती है। ये नियम आप जापान आने के बाद भी धीरे-धीरे सीख सकते हैं, लेकिन अगर आप पहले से जानकारी इकट्ठा करके आएँगे तो दूसरों को परेशान करने की ज़रूर भी नहीं पड़ेगी और आप भी बुरे अनुभवों से बच सकेंगे। यहाँ आप कुछ विदेशियों के विचार पढ़ सकते हैं। –

“जापान आकर सबसे पहले मैंने कूड़ा छॉँट फेंकने के नियम सीखे। मुझे पता चला कि ज्वलनशील कूड़ा, प्लास्टिक, रीसाइकल होने वाला कूड़ा और बड़े आकार का कूड़ा अलग-अलग करके फेंककर हम रीसाइकलिंग में मदद करते हैं।”

“जापान में अभिवादन का बहुत चलन है। आप किसी दफ़्तर, स्कूल, दुकान, सार्वजनिक यातायात या कहीं भी हों, आपको ज़ोर से अभिवादन करते लोगों की आवाज़ सुनाई दे जाएगी। यह मुझे बहुत अच्छा लगा। कूड़ा छाँटकर फेंकने के नियम भी बहुत कड़े हैं। सिर्फ़ अपने घर को ही नहीं आस-पड़ोस को भी साफ़ रखने और पर्यावरण का खयाल रखने की जापानी सोच भी मुझे बहुत पसन्द आयी।”

“जापान में रहने के लिए आने से पहले कई बार जापान घूमने का मौका भी मिला इसलिए मुझे लगता था कि यहाँ रहने पर मुझे कोई बात हैरान नहीं करेगी। लेकिन जब रहना शुरू किया तो नयी-नयी बातें सामने आयीं। जैसे, यहाँ कूड़ा छाँट कर फेंकना होता है।”

बहुत से लोगों ने कूड़ा छाँटने के नियमों का ज़िक्र किया। जापान में अकसर यह भी तय होता कि आप हफ़्ते के किस दिन किस तरह का कूड़ा फेंक सकते हैं। कई जगह तो उससे पिछली रात को कूड़ा बाहर रखना भी मना होता है। इसके अलावा, कई जगह कूड़ा फैंकने की खास थेलियाँ खरीद कर उनमें ही कूड़ा फेंकने का नियम भी होता है।

अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नियम भी होते हैं। जापान आने के बाद आप अपने आस-पड़ोस के नियम उसी क्षेत्र में रहने वाले दूसरे लोगों से सीख सकते हैं।

नगरपालिकाएँ भी जानकारी देती हैं। आप उनकी मदद भी ले सकते हैं।

आप चाहें तो “Life in Tokyo:Your Guide” मैगज़ीन भी पढ़ सकते हैं। तोक्यो सरकार इसे तोक्यो शहर में नया जीवन शुरू कर रहे विदेशियों के लिए प्रकाशित करती है।