“जापान को अकसर सुरक्षित देश कहा जाता है। जून 2020 में जारी किये गये वैश्विक शांति सूचकांक के अनुसार जापान 9वें स्थान पर था। प्रमुख विकसित देशों में से कनाडा के बाद सबसे ऊँचा रैंक जापान का है। जापान में बंदूक या चाकू जैसे खतरनाक हथियारों के नियंत्रण के लिए कानून बने हुए हैं इसलिए आमतौर पर यहाँ किसी के पास ऐसे हथियार नहीं होते (तलवार लेकर चलते सामुराइ भी नहीं हैं)।
यहाँ आप जापान में काम कर चुके विदेशियों के जापान में रहने के अनुभव पढ़ सकते हैं। “
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क्या जापान में रात को बाहर निकलना भी सुरक्षित है?
ओइता प्रिफ़ैक्चर में काम कर चुके नेपाल के श्री मणि ग्यावली ने कहा, “मैं जिस शहर में रहता था वह बहुत सुरक्षित था। घर या दफ़्तर के काम से बाहर जाते समय कभी टाइम नहीं देखना पड़ा। मेरे अपने देश की तुलना में भी जापान में किसी भी वक्त बाहर जाना सुरक्षित लगता है।” दूसरी तरफ़, ऐनी ने बताया, “मेरे देश फ़िलिपीन्स की तुलना में जापान में रात को बाहर जाना बहुत सुरक्षित है। बस एक डरावनी घटना हुई थी जब मैं ऐसी जगह से गुज़र रही थी जहाँ बहुत सारे बार और पब हैं और वहाँ शराब पिये हुए लोग मुझे आवाज़ लगा रहे थे।”
मंगोलिया से हाल ही में जापान आईं सुश्री बात्गेरेल अरुइगेल ने कहा, “मैंने सुना था कि जापान बहुत साफ़-सुथरा और सुरक्षित देश है। लेकिन यहाँ आकर समाचारों में अपराधों या दुर्घटनाओं के बारे में सुनकर थोड़ा डर लगा।”
जापान सुरक्षित ज़रूर है, लेकिन फिर भी महिलाओं को रात के समय व्यावसायिक क्षेत्रों में अकेले जाने से बचना चाहिए।
क्या जापान साफ़-सुथरा है?
पहली बार जापान आने वाले विदेशी यह देखकर हैरान होते हैं कि जापान में कारें कितनी साफ़ हैं। ट्रेन या बस जैसे यातायात के सार्वजनिक साधन भी साफ़-सुथरे हैं और अधिकतर आपको इधर-उधर कूड़ा भी पड़ा हुआ दिखायी नहीं देगा। नेपाल के श्री मणि ग्यावली ने कहा, “मुझे बहुत हैरानी होती थी कि जापान में कूड़ा न फैलाने और पूरे शहर को साफ़-सुथरा रखने की व्यवस्था कितनी अच्छी है। पार्कों में शौचालय और पानी पीने की व्यवस्था देखकर भी हैरान होता था।
“जापान के लोग नियमों का पालन करने में बहुत अच्छे हैं।””
लेकिन शौचालयों की सफ़ाई के बारे में अलग राय भी मिली। एक व्यक्ति ने यह भी कहा कि शॉपिंग मॉल या डिपार्टमेंट स्टोर के शौचालय बहुत साफ़ होते हैं लेकिन सार्वजनिक शौचालय ज़्यादा साफ़ नहीं होते और स्टेशन के शौचालयों में तो बदबू भी आती है।”
जापान के लोग नियमों का पालन करने में बहुत अच्छे माने जाते हैं। इसलिए यहाँ सड़कें ज़्यादातर साफ़ होती हैं और आमतौर पर सब जगह अच्छा ही लगता है। लेकिन पहली बार जापान आने वाले लोगों को नियम समझने में परेशानी हो सकती है। इंडोनेशिया की सुश्री रिसवन्ती के कहा, “जापान में नियम बहुत हैं इसलिए एक-एक करके उन्हें सीख लेना अच्छा रहेगा।”
अपने देश की तुलना में जापान में महंगाई
जापान सस्ता है या महंगा, इस पर सबकी राय अलग हो सकती है लेकिन दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लोगों को खाने-पीने की चीज़ों के दाम ज़्यादा लगते हैं। जापान में रह रहीं फ़िलिपीन्स की ऐनी ने कहा, “जापान में फल, सब्ज़ियाँ, टैक्सी, पिज़्ज़ा के दाम ज़्यादा हैं और वेतन भी ज़्यादा मिलता है। लेकिन बिजली-पानी का खर्च शायद फ़िलिपीन्स से कम है। स्वास्थ्य वीमा होने के कारण दवाएँ भी सस्ती मिलती हैं।”
जापान में रह चुके नेपाल के श्री मणि ग्यावली ने कहा, “शुरू-शुरू में जापान में चीज़ों के दाम देख कर बहुत हैरान हुआ था। जैसे, दस किलो चावल की कीमत नेपाल से करीब 5 गुणा है। लेकिन आदत पड़ जाने के बाद ज़्यादा परेशानी नहीं होती क्योंकि वेतन भी उस हिसाब से ही मिलता है। जो नये-नये जापान आते हैं उन्हें ज़रूर सब कुछ महंगा लगता है।”
वहीं दूसरी ओर यह भी सच है कि पिछले दस सालों में जापान में महंगाई न के बराबर बढ़ी है। एक व्यक्ति ने कहा, “मंगोलिया वापस लौटने के छः साल बाद फिर से जापान आने का मौका मिला। तब यह देखकर हैरानी हुई कि ब्रैड, आइसक्रीम, रामेन, सोडा और बाकी चीज़ें जो पहले भी बहुत खायी थीं, उनके दामों में छः साल पहले की तुलना में ज़्यादा बदलाव नहीं आया था। जापान में मंगोलिया के मुकाबले महंगाई की दर कम है इसलिए पैसों की प्लानिंग आसान है।”
इन दिनों इंटरनेट पर चीज़ों के दाम तुरंत पता चल जाते हैं इसलिए जापान आने से पहले आप यहाँ के दाम देख सकते हैं। जापान आने के लिए पैसों का इंतज़ाम और खर्चों के बारे में पहले से सोचना भी तो ज़रूरी है।
खाने की चीज़ें मिल जाएँगी?
“पहली बार नये देश में रहना पड़े तो खान-पान की चिंता सताना आम बात है। शायद आप सोच रहे होंगे कि अपने देश में जो सामग्री या मसाले मिलते हैं, जापान में भी मिलेंगे या नहीं, मिलेगें तो कहाँ मिलेंगे।
असल में, जापान में खान-पान की बहुत विविधता है इलसिए सामग्री मिलना आसान है और रेस्तराँ भी बहुत हैं तो आप खाने-पीने का आनन्द ले सकते हैं। जापान में रहने वाले कुछ विदेशियों की राय आप यहाँ पढ़ सकते हैं।”
“चीनी खाना हो या पश्चिमी खाना, यहाँ हर तरह की चीज़ मिल जाती है। बड़े शहरों में ऐसे देशों के रेस्तराँ भी मिल जाते हैं जो आमतौर पर दिखाई नहीं देते। जैसे, पेरू, इथियोपिया, उज़्बेकिस्तान। फ़ास्ट फ़ूड भी बहुत है। लेकिन मेरे देश का खाना परोसने वाले रेस्तराँ में खाने का स्वाद कुछ खास नहीं है और दाम भी ज़्यादा हैं। इसलिए सामान खरीद कर खुद पकाना बेहतर है। मसाले वगैरह इंटरनेट पर मिल जाते हैं। ”
“शुरू-शुरू में जापानी खाना अच्छा नहीं लगता था इसलिए बहुत परेशानी हो रही थी। बाज़ार से सामान लेकर अपने स्वाद के अनुसार खाना बनाना सही लगता था। धीरे-धीरे जापानी खाना खाने की आदत पड़ गयी तो घर में भी जापानी खाना बनने लगा। अपने देश का खाना खाने का मन करे तो रेस्तराँ चले जाओ। दुकानों या इंटरनेट पर भी तरह-तरह की सामग्री मिल जाती है, इसलिए खाने में कोई परेशानी महीं हुई।”
छुट्टी का दिन बिताना
इन दिनों कोविड की वजह से बाहर जाना कम हो गया है लेकिन आमतौर पर जापान में यातायात की व्यवस्था बहुत अच्छी है इसलिए छुट्टी मनाने के लिए आप प्लेन, ट्रेन या बस से विभिन्न जगह जा सकते हैं।
“मंगोलिया की सुश्री अनरबयार रेन्चिनखोरोल ने कहा, “”जापान आमतौर पर सुरक्षित देश है इसलिए महिलाएँ भी निश्चिन्त होकर अकेले घूम-फिर सकती हैं।””
इसके अलावा आप आस-पास के सिनेमा हॉल या शॉपिंग मॉल का भी आनन्द ले सकते हैं। कुछ लोग तो पड़ोस के बच्चों को क्रिकेट सिखाते हैं या साँस्कृतिक आदान-प्रदान और काराओके प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। ”
फ़िलिपीन्स की ऐनी ने बताया, “शनिवार और रविवार को मैं पास के अलग-अलग कैफ़े जाना पसन्द करती हूँ। मुझे बाज़ार की रौनक देखना और रेस्तराँ में खाना खाना भी अच्छा लगता है। अपने इलाके के उत्सवों, प्रदर्शनियों और अन्य आयोजनों में भी भाग लेती हूँ। जापानी संस्कृति, चाय समारोह वगैरह में भी दिलचस्पी रखती हूँ। मैं खूब घूमना चाहती हूँ और जापान के 47 के 47 प्रिफ़ैक्चर देखना चाहती हूँ।”
जापान में देखभाल का काम करते हुए बहुत से लोग देखभाल कर्मी की पढ़ाई और जापानी भाषा की पढ़ाई भी करते हैं इसलिए छुट्टी के दिन भी व्यस्त रहते हैं। लेकिन तनाव से बचने के लिए छुट्टी के दिन बाहर निकलना और जापान का भरपूर मज़ा लेना भी ज़रूरी है।